Monday, May 27, 2019

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ईरान के विदेश मंत्री जव्वाद ज़रीफ़ ने पिछले सप्ताह पाकिस्तान का दौरा किया था.
अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार जव्वाद ज़रीफ़ ने अपनी पाकिस्तानी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री इमरान ख़ान, सेना प्रमुख जनरल जावेद क़मर बाजवा और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी से मुलाक़ात की.
अख़बार के अनुसार पाकिस्तानी सेना ने एक बयान जारी कर कहा कि सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने ईरानी विदेश मंत्री से कहा कि जंग किसी के भी हित में नहीं है.
ईरानी विदेश मंत्री ने ऐसे समय में पाकिस्तान का दौरा किया है जब पूरे खाड़ी में ईरान और अमरीका के बीच रिश्ते बहुत ही तनावपूर्ण हैं और जंग जैसे हालात लग रहे हैं.
अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा, ''इस क्षेत्र में किसी तरह का तनाव किसी के हित में नहीं है. पाकिस्तान किसी भी समस्या को राजनयिक तौर पर हल करने का पक्षधर है.''
इस मौक़े पर ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए पाकिस्तान के प्रयासों की वो सराहना करते हैं.
ब्रितानी प्रधानमंत्री टेरीज़ा मे के इस्तीफ़े की घोषणा के बाद ब्रिटेन में सियासी हलचल बढ़ गई है. अब मे के उत्तराधिकारी यानी ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री के लिए संभावित नामों पर चर्चा ज़ोर पकड़ चुकी है.
फ़िलहाल 12 से ज़्यादा ऐसे सांसद हैं जिनके प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है.
जिन पांच नामों के रेस में शामिल होने की पुष्टि हो चुकी है वो हैं, विदेश मंत्री जेरेमी हंट, पूर्व विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन, स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनॉक, रोरी स्टुअर्ट और एस्टर मैक्वे.
मैट हैनॉक ने कहा है कि टेरीज़ा मे के उत्तराधिकारी को ब्रेग्ज़िट सौदे पर सहमति बनाने के लिए ज़्यादा 'ईमानदार' होना पड़ेगा.
हैनॉक ने अपनी उम्मीदवारी का ऐलान करते हुए कहा कि वो तुरंत आम चुनाव कराए जाने के पक्ष में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव कराए जाने से ब्रेग्ज़िट मसले का हल नहीं निकलेगा और ये देश के लिए 'भयावह' होगा.
वहीं रोरी स्टुअर्ट ने कहा है कि वो बोरिस जॉनसन के नेतृत्व में काम नहीं करेंगे क्योंकि ब्रेग्ज़िट को लेकर उनके रवैये से वो सहमत नहीं हैं
स्टुअर्ट ने कहा कि सभी नेताओं और सांसदों को ब्रेग्ज़िट मामले पर सच बोलने की ज़रूरत है.
स्टुअर्ट ने बीबीसी से कहा, "मुझे ये कहते हुए बहुत दुख हो रहा है लेकिन मैं उनकी (बोरिस जॉनसन की) अगुवाई में काम नहीं कर सकता. बोरिस में कई ख़ूबियां हैं और मैंने उनसे कुछ दिन पहले ही बात की थी. तब उन्होंने कहा था कि वो बिना किसी डील के ईयू से बाहर नहीं निकलेंगे लेकिन अब वो ठीक इसका उल्टा बोल रहे हैं. कल उन्होंने जो कुछ कहा, वो हमारे देश और हमारी अर्थव्यवस्था को तबाह कर देगा."
बोरिस जॉनसन वही शख़्स हैं जिन्होंने साल 2016 के जनमत संग्रह के दौरान- 'लीव कैंपेन' यानी यूरोपीय संघ से अलग होने के अभियान का नेतृत्व किया था.
अब जॉनसन ने कहा है कि अगर सत्ता उनके हाथों में आई तो ब्रिटेन अक्टूबर में किसी समझौते के साथ या समझौते के बिना भी यूरोपीय संघ से बाहर हो जाएगा.
वहीं यूरोपियन कमीशन के अध्यक्ष ज्यां क्लॉड यंकर ने स्पष्ट कर दिया है कि ब्रेग्ज़िट की प्रक्रिया पूरी करना यूरोपीय संघ की प्राथमिकता है.
टेरीजा मे ने इस्तीफ़े का ऐलान शुक्रवार को ही कर दिया लेकिन वो पद 7 जून को छोड़ेंगी. नया प्रधानमंत्री चुने जाने तक वो पद पर बनी रहेंगी.
उन्होंने कहा कि उन्होंने 2016 में हुए जनमतसंग्रह के परिणाम का सम्मान करने के लिए अपनी ओर से पूरी कोशिश की लेकिन ब्रेग्ज़िट में क़ामयाब न हो पाने का उन्हें 'गहरा दुख' रहेगा.
मे ने ये भी कहा कि यह देश के हित में होगा कि अब नया प्रधानमंत्री ब्रेग्जिट सौदे के लिए समर्थन के प्रयासों को जारी रखे.
वहीं, प्रमुख विपक्षी लेबर पार्टी के जेरेमी कॉर्बिन समेत कई नेताओं ने मांग की है कि टेरीजा मे के पद छोड़ते ही आम चुनावों का ऐलान होना चाहिए.

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